Laapataa Ladies Best Indian Film For Oscar: 2025

Laapataa Ladies फिल्म का निर्देशन आमिर खान की पत्नी किरन राव द्वारा किया है. किरन राव के निर्देशन में बनी Film Laapataa Ladies को 97वे अकादमी अवार्ड यानी ऑस्कर के लिए भेजा गया है.फिल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने हाल ही में इसकी जानकारी को लोगो के बीच साझा किया है.देखना होगा की Laapataa Ladies Oscar 2025 को अपने नाम कर पाएगी या नही, क्योकि ऑस्कर पुरस्कार के लिए कई देशो से कई प्रकार के श्रेणियों में अपने सबसे अच्छी फिल्मो को भेजते है ताकि उन्हें इस ऑस्कर अवार्ड को अपने नाम कर सके.

आपकी जानकारी के लिए बता दे ऑस्कर अवार्ड को ही अकादमी अवार्ड कहा जाता है. जिसे अमेरिका की Academy Of Motion Picture Arts And Sciences द्वारा दी जाती है. ऑस्कर अवार्ड एक फिल्म से जुड़े डायरेक्टर, कलाकार व् अन्य लोगो को एक विशेष पहचान के लिए प्रदान की जाती है. 

Oscar 2025 : यह एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जिसे पाने के लिए दुनिया भर के कई देशो से अपनी अलग-अलग श्रेणियों में फिल्मो को भेजा जाता है. इसी क्रम में भारत की ओर से 97वे अकादमी अवार्ड के लिए फिल्म Laapataa Ladies को भेजा गया है. फिल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने सूचित किया की किरन राव द्वारा निर्देशित फिल्म लापता लेडीज को Oscar 2025 में भारत के लिए जोरदार दावेदार होगा.

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 Laapataa Ladies फिल्म की कहानी :

इस फिल्म की कहानी दो नव-विवाहित महिलाओ के इर्द-गिर्द घूमती है. Laapataa Ladies फिल्म की कहानी एक छोटे से गाव से शुरू होती है जहा पर कुछ लोग एक विवाह समारोह में पहुचे होते है शादी समारोह खतम होने के बाद लोग दुल्हन (फूल कुमारी) को ख़ुशी-ख़ुशी विदा करते है और दूल्हा (दीपक कुमार) अपनी फूल कुमारी और परिवार वालों के साथ घर लौटने के लिए ट्रेन में चढ़ जाते है. ट्रेन में बहुत धक्का-मुक्की करने के बाद उन्हें एक नव-विवाहित शादी का जोड़ा जो पहले से ट्रेन में बैठे थे, अपने पास बिठा लेता है.

अब असली कहानी यही ट्रेन से शुरू होती है चूंकि ट्रेन में काफी ज्यादा भीड़ तो रहता ही है. ट्रेन में बैठे पहले से नव- विवाहित शादी का जोड़ा (जया कुमारी/पुष्पा रानी पत्नी प्रदीप ), का परिवार दीपक कुमार से बातचीत करने लगते है इसी बीच ट्रेन एक स्टेशन पर रूकती है जहा पर लोग कुछ खाने पीने का सामान लेते है और दीपक कुमार पानी भरने के लिए ट्रेन से उतर जाते है. इसी बीच दोनों दुल्हन में से फूल कुमारी पत्नी दीपक कुमार सो जाती है और जगह भी अदला-बदली हो जाती है .

Laapataa Ladies

चूंकि दोनों दुल्हन लाल चुनरी में होती है और परम्परा के अनुसार उनका मुह चुनरी से ढका होता है .जब दीपक कुमार अपने गाव जाने के लिए ट्रेन से उतरते है तो वह जल्दबाजी में प्रदीप जी की पत्नी जयाकुमारी का हाथ पकडकर ट्रेन से उतर जाते है और उनकी पत्नी फूल कुमारी ट्रेन में सोती हुई दूबे जी के साथ सफ़र करती है न प्रदीप को पता होता है की वह अपनी पत्नी को खो दिए है और न ही दीपक को पता चल पता है की वह अपनी पत्नी के बदले दूसरे की पत्नी को अपने साथ ले आये है.

जब प्रदीप जी अपने फाइनल स्टेशन पर पहुच जाते है और नीचे उतर जाते है और अपनी पत्नी के उतरने का इंतज़ार करते है तब उसी बीच फूल कुमारी भी जागकर अपने पत्नी दीपक को ढूढती है इस प्रकार दूबे को पता नही चल पता है की फूल कुमारी ही उसके साथ आई है और प्रदीप अपनी जया कुमारी को ट्रेन में ढूढने लगता है चूंकि फूल कुमारी को यह पता लग जाता है की वह भूल से प्रदीप के साथ आई है और फूल कुमारी वही स्टेशन पर छिप जाती है तथा प्रदीप गुस्सा होकर घर चला आता है.

laapataa ladies

इधर दीपक कुमार प्रदीप की पत्नी को अपने साथ ले आया और फूल कुमारी बेचारी स्टेशन पर भटकते- भटकते मंजू माई के साथ सो गयी मंजू माई स्टेशन पर चाय टपरी की दूकान लगाती थी. दीपक की पत्नी का घर पर स्वागत के लिए परिवार वाले जब उसका घूंघट हटाते है तब उनके पैरो तले जमीन खिसक जाती है.तब दीपक को जाकर पता चलता है की उसकी पत्नी कही और है और उसी समय अपने दोस्तों को साथ लेकर स्टेशन पर तलाश करने पहुच जाता है.

सुबह होते ही प्रदीप थाने में जया कुमारी/ पुष्पा रानी की गुमसुदी का रिपोर्ट लिखवाता है. थाने में रिपोर्ट लिखने के बाद जया कुमारी/ पुष्पा रानी की जानकारी को नजदीकी हर एक थाने में भेज दी जाती है. कैसे भी कर के थाने का सिपाही(श्याम मनोहर) जया कुमारी/ पुष्पा रानी के बारे में पता लगा लेता है फूल कुमारी अब स्टेशन पर ही छोटू और मंजू माई के साथ चाय टापरी पर काम करने लग जाती है. फूल कुमारी को उसके घर पहुचाने के लिए छोटू और मंजू माई कोशिश में लगे रहते है. फूल कुमारी का गाव स्टेशन (जिस स्टेशन से चढ़ी थी) बहुत दूर था और जहा जाना था उसे वहा के बारे में भी नही पता था .

कहानी यहाँ से कहानी थोड़ी इमोशनल हो जाती है जब ट्रेन में दीपक कुमार अपनी पत्नी की जगह प्रदीप की पत्नी का हाथ पकड़कर उतर रहे थे तो प्रदीप की पत्नी पुष्पा रानी को पता था की वह किसी और के साथ उतर रही है फिर भी वह उतर गयी क्यों उतरी क्योकि प्रदीप का स्वाभाव अच्छा नही था और घरवाले जबरन शादी कर दिए थे जबकि जया कुमारी कृषि के क्षेत्र में काम करने चाहती थी इसलिए उसे दीपक कुमार के साथ उतरने में सही लगा.

यह सब होने के बाद Laapataa Ladies मिल जाती है.इस फिल्म में नारी ने एक मजबूत किरदार निभाया है.जो समाज और परिवार के खिलाफ अपने सपनो के लिए लड़ती है. महिलाओ को शिक्षा प्रदान करना उनके लिए बहुत जरुरी है. एक नारी को व्यापार, नौकरी और अन्य गतिविधियों में मौका देने से उनकी मन की शक्ति और आत्म-निर्रभरता बढ़ जाती है. नारी शास्क्तिकरण सामाजिक मान्यताओ और परम्पराओ को चुनौती देती है. Laapataa Ladies फिल्म नारी शास्क्तिकरण के लिए एक धार की तरह है.

असमिया फिल्म निर्देशक जाह्नु बरुआ की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यों की टीम ने मिलकर यह फैसला लिया की किरन राव के द्वारा निर्देशित फिल्म Laapataa Ladies को Oscar 2025 के लिए भेजा जाय. लापता लेडीज ने कई सारे ब्लॉकबस्टर फिल्म को छोड़कर Oscar 2025 के लिए आधिकारिक एंट्री बनी.
Laapataa Ladies के अलावा और भी कई सारे हिंदी फिल्म ने ऑस्कर पाने के लिए भागी जिनमे विजय सेतुपति की Maharaja और कार्तिक आर्यन की Chandu Champion इसके अलावा भी और कई फिल्मे है, पर Laapataa Ladies इन सबको पीछे छोड़कर आगे निकल गयी.

 Laapataa Ladies Trailer :

Laapataa Ladies Cast :

नितांशी गोएल – फूल कुमारी
प्रतिभा रत्ना -जया
स्पर्श श्रीवास्तव – दीपक कुमार
रवि किशन – श्याम मनोहर
छाया कदम – मंजू माई
सतेन्द्र सोनी – छोटू
दुर्गेश कुमार – दूबे जी
भास्कर झा – प्रदीप
ऐसे और लोग भी फिल्म में शामिल है जिनका Laapataa Ladies में महत्वपूर्ण योगदान है.

ऑस्कर के लिए नामांकित की गयी भारतीय फिल्मे :
  • मदर इंडिया (1957)
  •  सलाम बाम्बे (1988)
  • लगान (2001)
    ये तीनो फिल्मे अंतराष्टीय फीचर फिल्म के रूप में नामांकन हुई थी पर इनमे से एक भी फिल्म ऑस्कर अवार्ड नही जीत पायी लेकिन ऐसा माना जाता है की इनका नामांकन भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में मत्वपूर्ण उपलब्धि था.

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